धैर्य एंव साहस से, सदैव आगे बढ़ते जाना है।
जीवन में जो मुश्किल आये, उसको आसान बनाना है।
लाल रंग उत्साह तथा शक्ति का प्रतीक होता है चाहे वह स्त्री के लिये हो या पुरूष के लिये लाल रंग हमें सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, साहस बढ़ाता है, अग्नि एवं सूर्य का रंग भी लाल होता है जो स्वास्थ्य वर्धक एवं उर्जा प्रदान करने वाला होता है क्योंकि वह हमारे मस्तिष्क एवं इंद्रियो में उत्तेजना भरता है। यह रंग खतरे का चिन्ह भी होता है।
अतः ”साहस सदन“ का प्रतिनिधितव करता है यह लाल रंग विद्यार्थियों में सकारात्मक उर्जा तथा विचार भरता है तथा जीवन के पथ पर आने वाले खतरों से भी सचेत करने में सहायक होता है। कुछ मुश्किल नही इस दुनिया में होता, जब तक तू अपना साहस ना खोता।
‘संकल्प‘ एक ऐसी शक्ति है जो किसी भी व्यक्ति में प्राण फूकने जैसा कार्य कर सकती है द्रढ़ संकल्प के आधार पर ही व्यक्ति अपने जीवन के बडे़ से बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। और यही शब्द ही हमारे ’सदन’ का नाम है ’संकल्प’। जिसका सूचक है पीला रंग यह रंग उर्जा और उत्साह का प्रतीक है ऊषा काल का सूर्य भी पीला ही होता है जो कि संसार को उर्जा, उत्साह, और उमंग से भर देता है। और इस सदन के बच्चे भी ऊर्जा के साथ अपने काम को पूरा कर के निरन्तर आगे बढ़ने के लिए प्रयास रत रहते है।
”शुष्क हुआ संकल्प यदि तो अवनति दूर नही।
द्रढ़ हुआ संकल्प यदि तो उन्नति दूर नही।।”
‘शक्ति सदन‘ जो कि हमेशा से ही प्रसन्नता, हरियाली को अपने आँचल में समेट कर हरे रंग का प्रदर्शन करता है साथ ही विकास स्वास्थ्य और सम्पन्नता का प्रतीक है। जिस प्रकार से यह रंग हमारे राष्ट्रीय ध्वज में लग कर देश की सम्पन्नता को प्रदर्शित करता है उसी प्रकार हमारे सदन को भी परिपूर्ण करता है। ‘शक्ति‘ के अभाव में तो सम्पन्नता भी अधूरी रहती है और यही शक्ति हमारे ‘सदन‘ का आधार है। ‘शक्ति सदन‘ बच्चों के उत्साह वर्धन, अनुशासन ,उन्नति पर जोर देते हुए उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने की पे्ररणा देता है।
“हरे रंग की बात निराली, दिखती है इसमे हरियाली
बच्चों में फैले खुशहाली, यही सदन की शान हमारी”।
’सुमति सदन’ इसकी शान नीला रंग है जो प्रगति और सकारात्मक परिवर्तन को प्रदर्शित करने वाला रंग है क्योंकि सुमति अर्थात अच्छी मति अच्छी मति होने पर ही व्यक्ति में सकारात्मकता आती है और वह आर्थिक और बौद्विक के मार्ग पर अग्रसित हो सकता है। नीला रंग जल तथा नभ तत्व का प्रतिनिधित्व करता है नीला वर्ण विद्यार्थियों को जल की भाँति गतिमान, चंचलता एवम् जीवनदायिनी शक्ति प्रदान करता है तथा नभ की भाँति ऊँचा उठने की प्रेरणा देता है। नील वर्ण के उचित प्रयोग से स्वास्थ्य लाभ तथा चिन्ता से मुक्ति भी प्राप्त होती है अतः यह विद्यार्थियों को गति-शील तथा गगनचुम्बी होने का संदेश देता हैं
नीले रंग मे सराबोर है अपना सुमति सदन,
सदा चलते रहो करता है मार्गदर्शन।
नीले रंग का होता जल, नीला होता है गगन।
हर व्यक्ति की बदले मति बदले उसका मन।